
केरल तट पर डूबे लाइबेरियाई जहाज के कंटेनर बहकर आए, खतरनाक तेल रिसाव से पारिस्थितिकी को खतरा!
कोल्लम, केरल – केरल के दक्षिणी तटीय इलाकों में एक बड़ा पर्यावरणीय संकट पैदा हो गया है। लाइबेरियाई मालवाहक जहाज (Liberian cargo ship) के डूबने के बाद उसमें मौजूद कंटेनर (containers) अब तट पर बहकर आने लगे हैं। पुलिस ने सोमवार को इसकी पुष्टि की है।
क्या हुआ? (Kerala Ship Accident Details)
रविवार को कोल्लम जिले के पास समुद्र में यह मालवाहक जहाज (cargo vessel) पलट गया और डूब गया। इस दुर्घटना के बाद जहाज से भारी मात्रा में तेल रिसाव (oil spill) होने लगा, जिससे पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, जहाज के टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल था, जो अब समुद्र में फैल रहा है।
कंटेनर तट पर क्यों आ रहे हैं? (Kerala Coast Container Crisis)
जहाज में कुल 640 कंटेनर थे, जिनमें से 13 कंटेनर खतरनाक सामग्री (hazardous materials) से भरे हुए हैं। इनमें कैल्शियम कार्बाइड (calcium carbide) जैसा पदार्थ भी शामिल है, जो पानी के संपर्क में आने पर ज्वलनशील एसिटिलीन गैस (flammable acetylene gas) छोड़ता है। अब तक कोल्लम तट पर कम से कम 4 कंटेनर बहकर आ चुके हैं, लेकिन अधिकारियों को आशंका है कि और भी कंटेनर समुद्र से बाहर आ सकते हैं।
केरल सरकार और तटरक्षक बल की कार्रवाई (Indian Coast Guard Oil Spill Control)
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भारतीय तटरक्षक बल (ICG) तेल रिसाव को रोकने और प्रदूषण नियंत्रण (pollution control) के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है।
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तेल का रिसाव 3 किमी/घंटा की रफ्तार से फैल रहा है, जिससे केरल के संवेदनशील तटीय इकोसिस्टम (Kerala coastal ecosystem) को गंभीर नुकसान हो सकता है।
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पुलिस ने प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है और लोगों से कंटेनरों से दूर रहने की अपील की है।
पर्यावरण को खतरा (Kerala Marine Pollution Alert)
केरल का तटीय क्षेत्र पारिस्थितिकी (ecologically sensitive zone) के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। तेल रिसाव से समुद्री जीवन (marine life), मछुआरों का रोजगार और पर्यटन उद्योग (tourism industry) प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तेल का फैलाव जल्दी नहीं रोका गया, तो इसके दीर्घकालिक नुकसान (long-term environmental damage) हो सकते हैं।
आगे की कार्रवाई (Next Steps in Kerala Ship Disaster)
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तेल रिसाव को सोखने (oil spill absorption) के लिए विशेष उपकरण लगाए जा रहे हैं।
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खतरनाक कंटेनरों को सुरक्षित ढंग से हटाने (container removal operation) की तैयारी चल रही है।
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मछुआरों और तटीय समुदायों को चेतावनी (fishermen alert) दी गई है कि वे प्रभावित क्षेत्र में न जाएं।
निष्कर्ष (Kerala Environmental Disaster Update)
यह घटना केरल के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। सरकार, तटरक्षक बल और स्थानीय प्रशासन मिलकर इस संकट से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, अगर तेल का रिसाव जारी रहा, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।