धोनी को मिला “कैप्टन कूल” ट्रेडमार्क का अधिकार
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को उनका मशहूर नाम “कैप्टन कूल“ अब कानूनी तौर पर मिल गया है। उन्होंने इस नाम को ट्रेडमार्क बनाने के लिए आवेदन किया था, जिसे अब मंजूरी दे दी गई है। यह ट्रेडमार्क खेल से जुड़ी सेवाओं (जैसे कोचिंग या ट्रेनिंग सेंटर) के लिए रजिस्टर हुआ है।
क्यों खास है यह मामला?
- पहले से एक कंपनी ने “कैप्टन कूल” नाम रजिस्टर किया था। उनका कहना था कि धोनी का आवेदन लोगों को भ्रमित करेगा।
- पर धोनी की टीम ने साबित किया कि यह नाम पिछले 15+ साल से सिर्फ उन्हीं से जुड़ा है। मीडिया, प्रशंसक और आम लोग “कैप्टन कूल” सुनते ही धोनी को ही याद करते हैं।
- ट्रेडमार्क अधिकारियों ने माना कि यह सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि धोनी की पहचान, ब्रांड और इमेज का हिस्सा है। इसलिए भ्रम का कोई खतरा नहीं है।
इसका क्या फायदा हुआ?
- अब कोई दूसरा “कैप्टन कूल” नाम का इस्तेमाल खेल सेवाओं (क्लास 41) में नहीं कर सकता।
- यह केस दिखाता है कि अगर आपकी पर्सनल ब्रांडिंग मजबूत हो, तो पहले से मौजूद ट्रेडमार्क के बावजूद कानूनी सुरक्षा पाई जा सकती है।
“कैप्टन कूल” नाम क्यों मशहूर हुआ?
धोनी ने भारतीय टीम की कप्तानी के दौरान दबाव में भी शांत और ठंडे दिमाग से फैसले लिए। इसी अंदाज़ के कारण उन्हें यह नाम मिला। हालाँकि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, लेकिन आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान बने हुए हैं।