
भारत-पाकिस्तान तनाव: चीन की चिंता और आतंकवाद के खिलाफ भारत का मुकाबला
भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान बौखलाया, आतंकी हमलों में तेजी
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindhu) के तहत पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और भारत में आम नागरिकों को निशाना बना रहा है। वहीं, भारतीय सुरक्षा बलों ने भी पाकिस्तान की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारत-पाकिस्तान तनाव (India Pakistan tension) अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों से लेकर चीन तक इस मामले पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
चीन की बढ़ती चिंता: क्यों डरा हुआ है ड्रैगन?
चीन (China reaction) ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, “हम भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से चिंतित हैं। दोनों देश हमारे पड़ोसी हैं और हम आतंकवाद के खिलाफ हैं, लेकिन शांति बनाए रखना जरूरी है।”
चीन की यह चिंता सिर्फ शांति के लिए नहीं, बल्कि अपने आर्थिक हितों (CPEC investment) के कारण भी है। चीन ने पाकिस्तान में चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत अरबों डॉलर का निवेश किया है। अगर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ता है, तो चीन का यह निवेश डूब सकता है।
क्या है चीन का पाकिस्तान में निवेश?
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2005 से 2024 तक चीन ने पाकिस्तान में 68 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
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CPEC के तहत ग्वादर पोर्ट, हाईवे और पावर प्रोजेक्ट्स पर भारी फंडिंग की गई है।
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अगर युद्ध होता है, तो इन प्रोजेक्ट्स को भारी नुकसान हो सकता है, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
अमेरिका, यूके और फ्रांस ने आतंकवाद का विरोध (anti-terrorism stance) करते हुए भारत के समर्थन में बयान दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी दोनों देशों से संयम बरतने (ceasefire appeal) की अपील की है।
भारत की रणनीति: मजबूती से जवाब
भारत सरकार ने साफ किया है कि वह “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” के तहत आतंकवाद से निपटेगा। सेना और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सेज (BSF) को पाकिस्तान की किसी भी प्रकार की घुसपैठ या फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देने के आदेश दिए गए हैं।
निष्कर्ष: क्या होगा आगे?
भारत-पाकिस्तान तनाव अभी थमता नहीं दिख रहा। चीन की मध्यस्थता और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तान अपनी रणनीति बदलेगा या फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसे रोकने में सफल होगा।