रेल किराया बढ़ा: कौन–सी ट्रेन कितनी महंगी हुई :-
आज (1 जुलाई 2025) से रेलवे ने ट्रेनों का किराया बढ़ा दिया है। इससे सफर करने वालों पर ज्यादा खर्च होगा। छोटी या लंबी यात्रा करने वाले यह जान लें कि किस ट्रेन का किराया कितना बढ़ा है।
कई लोग ट्रेन के नाम या नंबर देखकर कंफ्यूज हो जाते हैं – कौन मेल है, कौन एक्सप्रेस, कौन सुपरफास्ट और कौन पैसेंजर? चलिए, इनके बीच का अंतर आसानी से समझते हैं:
- रेल ट्रेन:
- पुराने समय में ये डाक (चिट्ठी) ले जाती थीं, अब साधारण एक्सप्रेस जैसी ही हैं।
- इनके नाम में अक्सर ‘मेल’ लगा होता है, जैसे: मुंबई मेल, गोरखपुर मेल।
- ये ज्यादातर लंबी दूरी की होती हैं और कम स्टेशनों पर रुकती हैं।
- एक्सप्रेस ट्रेन:
- पैसेंजर से तेज पर सुपरफास्ट से धीमी।
- हर छोटे स्टेशन पर नहीं रुकती।
- नाम में सिर्फ “एक्सप्रेस” लिखा होता है, जैसे: हावड़ा एक्सप्रेस, लखनऊ एक्सप्रेस।
- मेल और एक्सप्रेस का किराया लगभग एक जैसा होता है। इन दोनों का किराया अब बढ़ गया है।
- सुपरफास्ट ट्रेन:
- एक्सप्रेस से भी तेज और बहुत कम स्टेशनों पर रुकती हैं।
- नाम में “सुपरफास्ट” या “SF” लिखा होता है, जैसे: विक्रमशिला सुपरफास्ट।
- इनका नंबर ज्यादातर 2 से शुरू होता है (जैसे: 2244)।
- इन पर सुपरफास्ट का अलग चार्ज (सरचार्ज) लगता है।
- पैसेंजर/ऑर्डिनरी ट्रेन:
- लगभग हर स्टेशन पर रुकती हैं।
- इनमें स्लीपर कोच नहीं, सिर्फ सामान्य बैठने वाले डिब्बे होते हैं।
- नाम में “पैसेंजर” या “ऑर्डिनरी” लिखा होता है, जैसे: इलाहाबाद पैसेंजर।
- इनका किराया सबसे कम होता है। इन पर किराया बढ़ोतरी का असर बहुत कम है।
ट्रेन नंबर से पहचान:
- 0 से शुरू (जैसे 0123): खास ट्रेनें (जैसे त्योहारों पर चलने वाली)।
- 1 से शुरू (जैसे 1240): लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस/सुपरफास्ट।
- 2 से शुरू (जैसे 2244): सुपरफास्ट ट्रेनें।
- 5 या 6 से शुरू (जैसे 5432): पैसेंजर या लोकल ट्रेनें।
- 12 से शुरू (जैसे 1201): प्रीमियम ट्रेनें (जैसे जनशताब्दी, राजधानी)।
- 22 से शुरू (जैसे 2220): बहुत तेज ट्रेनें (जैसे दुरंतो, तेजस, हमसफर)।
किराया कहाँ बढ़ा?
- आज (1 जुलाई) से मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया बढ़ा है।
- लंबी दूरी की AC और Non-AC ट्रेनें भी महंगी हुई हैं।
- कितना बढ़ा?
- मेल/एक्सप्रेस (Non-AC): हर किलोमीटर पर 1 पैसा ज्यादा।
- AC ट्रेनें (मेल/एक्सप्रेस में): हर किलोमीटर पर 2 पैसे ज्यादा।
- पैसेंजर ट्रेनों पर इसका ज्यादा असर नहीं है।