
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर बरकरार रखी संवैधानिकता, कहा- “हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं”!
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नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने वक्फ कानून (Waqf Act) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि इस कानून में संवैधानिकता (Constitutional Validity) का सिद्धांत निहित है और जब तक कोई स्पष्ट विसंगति सामने नहीं आती, तब तक संसद (Parliament) और अदालतें (Courts) हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह (Justice Augustine George Masih) की पीठ ने यह टिप्पणी की।
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट की मुख्य टिप्पणियाँ (Key Remarks by Supreme Court on Waqf Act)
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“कानून में संवैधानिकता का सिद्धांत है, अदालतें बिना मजबूत आधार के हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं।”
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“हमें कानूनी शिक्षा में यही सिखाया गया है… अन्यथा स्थिति स्पष्ट है।”
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केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित न करने और वक्फ बोर्डों में नियुक्तियाँ न करने का आश्वासन दिया।
वक्फ कानून में विवादास्पद प्रावधान (Controversial Provisions in Waqf Amendment Act)
वक्फ बाय यूजर (Waqf by User) प्रावधान के तहत, यदि कोई संपत्ति लंबे समय से धार्मिक या चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए उपयोग की जा रही है, तो उसे औपचारिक दस्तावेजीकरण (Formal Documentation) के बिना भी वक्फ संपत्ति (Waqf Property) घोषित किया जा सकता है। इस प्रावधान को लेकर कई याचिकाएँ दायर की गई थीं, जिनमें दावा किया गया था कि यह संपत्ति अधिकारों (Property Rights) का उल्लंघन करता है।
केंद्र सरकार का जवाब (Central Government’s Response)
केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट में एक विस्तृत जवाब (Detailed Affidavit) दाखिल कर कहा कि:
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वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित (De-notified) नहीं किया जाएगा।
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केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Council) और राज्य वक्फ बोर्डों (State Waqf Boards) में कोई नई नियुक्तियाँ नहीं की जाएँगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली (Supreme Court Adjourns Hearing)
अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई (Next Hearing) के लिए तारीख तय की, लेकिन कोई अंतरिम राहत (Interim Relief) नहीं दी। इससे पहले, कई याचिकाकर्ताओं ने वक्फ कानून (Waqf Act 1995) के कुछ प्रावधानों पर रोक (Stay) लगाने की माँग की थी।
वक्फ कानून क्या है? (What is the Waqf Act?)
वक्फ (Waqf) एक इस्लामिक कानूनी अवधारणा है, जिसके तहत कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को धार्मिक या पुण्य के कार्यों के लिए स्थायी रूप से दान कर देता है। वक्फ अधिनियम, 1995 (Waqf Act 1995) के तहत, भारत में वक्फ बोर्ड (Waqf Boards) का गठन किया गया है, जो इन संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं।
विवाद क्यों? (Why the Controversy?)
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वक्फ बाय यूजर (Waqf by User): इस प्रावधान के तहत बिना किसी लिखित दस्तावेज़ के संपत्ति को वक्फ घोषित किया जा सकता है।
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वक्फ संपत्ति का दावा (Waqf Property Claims): कई मामलों में, निजी संपत्तियों को वक्फ घोषित करने के दावे किए गए हैं।
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संवैधानिक मुद्दे (Constitutional Issues): कुछ विद्वानों का मानना है कि यह कानून अनुच्छेद 14 (Article 14 – Equality before Law) और अनुच्छेद 300A (Article 300A – Right to Property) का उल्लंघन करता है।
आगे की कार्रवाई (Next Steps)
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार (Central Government) और वक्फ बोर्ड (Waqf Board) से विस्तृत जवाब माँगा है। अगली सुनवाई में, अदालत वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता (Constitutional Validity of Waqf Act) पर अंतिम फैसला सुनाएगी।