हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की मार: बादल फटने और भूस्खलन से तबाही, मंडी सबसे अधिक प्रभावित
शिमला: मॉनसून की बारिश मैदानी इलाकों में राहत लाती है, लेकिन पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए यह विनाश का कारण बन रही है। 20 जून से अब तक राज्य में बादल फटने की 20 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसके कारण भूस्खलन और अचानक बाढ़ ने जान-माल का भारी नुक़सान पहुँचाया है। अकेले मंडी जिले में 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं। ब्यास और सुकेती नदियों का उफ़ान स्थानीय निवासियों के लिए आफ़त बन गया है।
ब्यास नदी में उफ़ान, मंडी में हाहाकार
भारी बारिश और बादल फटने के कारण मंडी के विभिन्न क्षेत्रों में भीषण तबाही हुई है। पंडोह डैम से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद ब्यास नदी खतरनाक स्तर तक उफन गई है। नदी का पानी आसपास के घरों में घुस गया है, जिसके कारण कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। स्थानीय लोगों को 2023 की भीषण आपदा की याद ताजा हो गई है, जब मंडी का सराज क्षेत्र पूरी तरह से दुनिया से कट गया था।
मंडी क्यों बना तबाही का केंद्र?
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, मंडी और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक संरचना बादल फटने की घटनाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। जब नम हवाएँ पहाड़ों से टकराती हैं, तो वे ऊपर उठकर संघनित हो जाती हैं। अचानक दबाव कम होने पर यह नमी एक साथ नीचे गिरती है, जिसे बादल फटना कहा जाता है। पहाड़ी ढलानों पर यह पानी तेज़ी से नीचे उतरता है और फ्लैश फ्लड का रूप ले लेता है।
मंडी के गोहर क्षेत्र में बादल फटने की चार घटनाएँ हुई हैं, जिनमें कई घर बर्बाद हो गए हैं। धर्मपुर में छह घर सैलाब में बह गए, जबकि आठ गोशालाएँ पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। अभी भी 10 से अधिक लोग लापता हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने किया हवाई सर्वे, राहत सामग्री पहुँचाई
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में मंडी के प्रभावित थुनाग और जंजैहली क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। वह सेना के हेलीकॉप्टर से रैन गलू हेलीपैड पहुँचे, जहाँ उन्होंने प्रभावितों को राहत सामग्री वितरित की और मदद का आश्वासन दिया।
जिला प्रशासन ने 1000 राहत किट तैयार की हैं, जिनमें आटा, चावल, दाल और अन्य आवश्यक सामग्री शामिल हैं। अब तक 172 किट वितरित की जा चुकी हैं। संचार बहाल करने के लिए थुनाग में वी-सैट पोर्टल भी भेजा गया है।
IMD ने जारी किया अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले सात दिनों तक हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल और कोंकण-गोवा में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राज्य सरकार ने सभी जिला प्रशासनों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।