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India Bangladesh Relation: कभी घनिष्ठ रहे भारत बांग्लादेश के रिश्ते अब उतने ही बुरे दौर से गुजर रहे हैं. बीते साल अगस्त में शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से दोनों देशों के बीच हालात तेजी से बदले हैं. प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद शेख हसीना भारत आ गयीं और बांग्लादेश की सत्ता पर मोहम्मद यूनुस काबिज हो गए. इसके बाद ही भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध खराब होने शुरू हो गए.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा कि भारत के साथ तल्ख होते रिश्ते उन्हें निजी तौर पर तकलीफ देते हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “बांग्लादेश-भारत संबंध जितना हो सके मजबूत होने चाहिए. आप जानते हैं, आप बांग्लादेश का नक्शा बनाए बिना भारत का नक्शा नहीं बना सकते.”
चीन की तारीफ में पढ़ने लगे कसीदे
मोहम्मद यूनुस ने चीन को लेकर कहा है कि वह बांग्लादेश के समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि चीन ही है जिसने बांग्लादेश का ऐसे मुश्किल वक्त में साथ दिया है. बांग्लादेश में पिछले तीन महीने में बेतहाशा मंहगाई बढ़ी है और ऐसे में वह पड़ोसी चीन ओर देख रहा है.
अंतरिम सरकार ने वैट में इजाफा किया है, ये वक्त में हो रहा है जब देश लगातार तीन महीनों से उच्च मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है. इसके अलावा खाद्य महंगाई दर भी 13 फीसदी के आसपास है. बांग्लादेशी सरकार दावा कर रही है कि बढ़े हुए वैट से लगभग 12 हजार करोड़ टाका का राजस्व इकट्ठा किया जाएगा.
शेख हसीना पर फिर से साधा निशाना
मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना सरकार के दौरान बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में आई उछाल को फर्जी बताया है. उन्होंने कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के दौरान के देश की अर्थव्यवस्था बढ़ने के दावे ‘फर्जी’ थे. उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया (बांग्लादेश की) इस हालात के लिए जिम्मेदार है. ये दुनिया के लिए एक सबक भी है. वह कहती थीं कि ‘हमारा ग्रोथ रेट सबसे अव्वल हैं’, ये सब पूरी तरह फर्जी था.”
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