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Crackdown On Black Magic In Tajikistan: ताजिकिस्तान ने हाल ही में जादू टोने, भविष्यवाणी, और “चुड़ैलों” के खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरू की है. सरकार इस प्रथा को अवैध गतिविधि करार देते हुए इसे देश की परंपरा और इस्लामिक मूल्यों के खिलाफ मान रही है. राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन ने साफ-साफ कहा है कि जादू टोने और भविष्यवाणी अवैध धार्मिक शिक्षा और धोखाधड़ी को बढ़ावा देती हैं.
जादू टोना और भविष्यवाणी के आरोप में 1,500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 5,000 से अधिक मुल्लाओं को भी पकड़ा गया, जो प्रार्थना के जरिए इलाज का दावा कर रहे थे. दोबारा अपराध करने पर दो साल की जेल और 13,300 डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है. यह जुर्माना औसत ताजिक नागरिक के छह साल के वेतन के बराबर है.
डर और छुपकर काम करना
सरकारी कार्रवाई के बाद, जादू टोना और भविष्यवाणी करने वाले अब छुपकर काम करने लगे हैं. कई लोग अपने घरों में ग्राहकों को बुलाने से बचते हैं. एक महिला ज्योतिषी ने कहा, “मैं अब अपने घर में लोगों को नहीं बुलाती. मैं उनके पास जाती हूं.”
गुप्त प्रथाओं का पालन
लोग मोतियों की माला, बुदबुदाए गए मंत्र, और अन्य प्रथाओं के जरिए झगड़े सुलझाने और भविष्यवाणी करने का दावा करते हैं. ताजिकिस्तान में जादू टोने का आकर्षण केवल अंधविश्वास तक सीमित नहीं है. यह गरीबी और सामाजिक असमानता से भी जुड़ा है.
आर्थिक कारण
पारंपरिक चिकित्सा महंगी है, जबकि ज्योतिष और वैकल्पिक चिकित्सा सस्ती है. गृहिणी गुलबखोर ने कहा, “यह पारंपरिक चिकित्सा से सस्ता है, जो बहुत महंगी है.”समाजशास्त्री मेहरिगुल अबलेज़ोवा का मानना है कि सामाजिक असमानता और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी लोगों को वैकल्पिक साधनों की ओर धकेलती है. यह प्रथाएं इस्लाम से पहले की परंपराओं से जुड़ी हुई हैं, जो अब भी मध्य एशिया में गहरी जड़ें जमाए हुए हैं.
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि केवल दमन इन प्रथाओं को पूरी तरह समाप्त नहीं कर सकता. जब तक सार्वजनिक सेवाओं और कल्याण योजनाओं में सुधार नहीं किया जाता, तब तक लोग वैकल्पिक मार्ग अपनाते रहेंगे.
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