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Bangladesh Army News: भारत के साथ जारी विवाद के बीच पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में एक और नई मुसीबत खड़ी होती दिखाई दे रही है. Economic Times की रिपोर्ट्स के अनुसार सेना में संभावित तख्तापलट की अटकलें तेज हो गई हैं. जहां इस्लाम समर्थक लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान सेना की बागडोर संभालने के लिए साजिश रच रहे हैं.
रहमान ने पिछले सप्ताह ढाका में पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख और उसके प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. हालांकि, रहमान वर्तमान में सेना की कमान में नहीं हैं, लेकिन वह सेना के भीतर से समर्थन जुटाने के कोशिश में लगे हुए हैं. ऐसी जानकारी भी है कि वो बांग्लादेश सेना की खुफिया शाखा DGFI का समर्थन जुटाने की कोशिश करने कर रहे हैं.
जनरल वकार-उज़-ज़मान की भूमिका
बांग्लादेश के वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान सुलझे हुए इंसान माने जाते हैं और भारत के प्रति अच्छी सोच रखते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री शेख हसीना को सुरक्षित भारत भेजने की व्यवस्था की थी, जब पिछले साल कट्टरपंथियों ने उनके घर पर हमले की धमकी दी थी. ज़मान ने बांग्लादेश सेना को देश की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में स्थापित किया है और इस्लामवादियों के बढ़ते प्रभाव को रोकने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है.
बांग्लादेश सेना में शक्ति संतुलन
बांग्लादेश सेना में लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद शाहीनुल हक का भी सिक्का चलता है. हक वर्तमान में ढाका के मीरपुर छावनी में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के कमांडेंट हैं और उन्हें सेना की नौवीं डिवीजन के मेजर जनरल मोहम्मद मोइन खान का समर्थन प्राप्त है, जो अवामी लीग समर्थक माने जाते हैं.
सेना की कमान संभालने की कोशिश
लेफ्टिनेंट जनरल हक और लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान के बीच सेना के भीतर शक्ति संतुलन को लेकर संघर्ष हो सकता है. जहां हक को सेना के प्रमुख राजनीतिक पदों का अनुभव है, वहीं रहमान इस्लामवादियों के समर्थन से सेना की कमान संभालने की कोशिश कर रहे हैं.
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