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अमेरिका और कोलंबिया के बीच ट्रेड वॉर टल गया है, जब कोलंबिया सरकार ने अमेरिका को यह अनुमति दी कि वह अपने निर्वासित प्रवासियों को कोलंबिया में उतारे. यह विवाद रविवार (26 जनवरी 2025) को शुरू हुआ था जब कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने दो अमेरिकी सैन्य विमानों को कोलंबिया में उतरने से रोक दिया था, जिनमें अमेरिका से निर्वासित कोलंबियाई नागरिक थे.
कोलंबिया के विदेश मंत्री लुइस गिल्बर्टो मुरिलो ने रविवार को कहा कि देश की सरकार ने महत्वपूर्ण शुल्क से बचने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सभी शर्तों को स्वीकार कर लिया है.
अमेरिकी प्रशासन ने इसके जवाब में कोलंबिया पर प्रतिबंधों की धमकी दी थी, जिसके बाद राष्ट्रपति पेट्रो ने कहा था कि कोलंबिया अमेरिकी सामान पर टैरिफ लगा सकता है. लेकिन बाद में व्हाइट हाउस ने यह घोषणा की कि कोलंबिया ने बिना किसी रोक-टोक के निर्वासितों को स्वीकार करने पर सहमति जताई है, जिनमें अमेरिकी सैन्य विमानों से आने वाले प्रवासी भी शामिल हैं.
‘प्रवासियों संग अच्छा व्यवहार कर सकते थे’
व्हाइट हाउस ने इस समझौते को ट्रंप के कड़े आप्रवासन नीति की जीत के तौर पर पेश किया. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करोलीन लेविट ने कहा कि अमेरिकी सरकार कोलंबिया के साथ हुए इस समझौते से खुश है और यह सुनिश्चित किया कि अगर कोलंबिया इस समझौते को नहीं निभाता तो अमेरिका की ओर से लगाए गए व्यापारिक प्रतिबंध लागू हो सकते हैं.
इस बीच, राष्ट्रपति पेट्रो ने सोशल मीडिया पर अमेरिकी विमान के कोलंबिया में प्रवेश पर रोक लगाने के फैसले को सही ठहराया और कहा कि अमेरिका को कोलंबियाई प्रवासियों के साथ बेहतर बर्ताव करना चाहिए. पेट्रो ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह खुद राष्ट्रपति विमान भेजने के लिए तैयार हैं, ताकि निर्वासितों को अमेरिका से कोलंबिया लाया जा सके.
दुनिया के सामने उठे सवाल, ट्रंप ने बढ़ाया दबाव
कोलंबिया के इस फैसले से पहले, ट्रंप ने कोलंबिया के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि अगर कोलंबिया ने इन विमानों को नहीं स्वीकार किया, तो अमेरिका कोलंबिया के सामान पर पच्चीस प्रतिशत टैरिफ लगा सकता है, जिसे अगले सप्ताह तक पचास प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता था. ट्रंप ने कहा कि कोलंबिया का यह कदम अमेरिकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है और अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचा सकता है.
हालांकि, इस दबाव के बाद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत हुई और विदेश मंत्री लुइस गिल्बर्टो मुरिलो ने घोषणा की कि दोनों देशों ने इस विवाद को हल कर लिया है और कोलंबिया अब निर्वासितों को बिना किसी रुकावट के स्वीकार करेगा.
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