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US Indian Migrants Mass Deportation Expenses: अमेरिका ने अवैध रूप से रह रहे 205 भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए C-17 अमेरिकी सैन्य विमान का इस्तेमाल किया. ये प्रवासी बुधवार (5 फरवरी) को दोपहर को पहुंचेगे. सैन्य विमानों से निर्वासन के इस कदम से ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीति एक बार फिर चर्चा में है. अमेरिका ने अन्य देशों के प्रवासियों को भी निर्वासित करने के लिए चार्टर्ड प्लेन और सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया है.
सैन्य विमानों के इस्तेमाल पर आने वाला खर्च काफी भारी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, C-17 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की परिचालन लागत 28,500 डॉलर प्रति घंटा (लगभग 24.82 लाख रुपये) है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सेना ने इन उड़ानों की कुल लागत की गणना अभी नहीं की है, लेकिन 12 घंटे तक चलने वाली एक उड़ान की अनुमानित लागत लगभग 252,000 डॉलर (लगभग 2.20 करोड़ रुपये) हो सकती है. अमेरिकी सीमा शुल्क और आव्रजन प्रवर्तन (ICE) के अनुसार, 135 निर्वासितों के लिए एक चार्टर्ड उड़ान की लागत 17,000 डॉलर प्रति उड़ान घंटे है, जो कि आमतौर पर 5 घंटे तक चलती है. इसका मतलब है कि प्रति व्यक्ति लागत 630 डॉलर (लगभग 52,000 रुपये) होती है.
C-17 और C-130E विमानों की लागत
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक C-17 की परिचालन लागत 21,000 डॉलर प्रति घंटा (2022 के अनुसार) है, जबकि C-130E विमान की परिचालन लागत 68,000 डॉलर से 71,000 डॉलर प्रति घंटा के बीच है. इसका मतलब है कि एक 12 घंटे की C-17 उड़ान की लागत लगभग 252,000 डॉलर हो सकती है, जबकि C-130E की उड़ान की लागत 816,000 से 852,000 डॉलर हो सकती है.
निर्वासन के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल क्यों?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य विमानों का इस्तेमाल करना प्रतीकात्मकता से भरा हुआ है. ट्रंप प्रशासन का मानना है कि ये कदम अवैध आप्रवासियों के खिलाफ सख्त संदेश देने का हिस्सा है. ट्रंप ने अवैध आप्रवासियों को अक्सर ‘अपराधी’ और ‘एलियन’ कहा है, जिन्होंने अमेरिका पर ‘आक्रमण’ किया है. सैन्य विमानों से निर्वासन का दृश्य इस संदेश को सशक्त करता है कि ट्रंप ऐसे अपराधों के प्रति कठोर हैं.
ट्रंप का रुख: अवैध प्रवासियों पर सख्ती
हाल ही में रिपब्लिकन सांसदों से बात करते हुए, ट्रंप ने कहा, “इतिहास में पहली बार हम अवैध विदेशियों का पता लगा रहे हैं और उन्हें सैन्य विमान में भरकर वापस उनके देशों में भेज रहे हैं.” ट्रंप ने जोर देकर कहा कि वह अवैध आप्रवासियों को हिरासत में रखकर लंबे समय तक रुकने के बजाय जल्दी से जल्दी निर्वासित करना चाहते हैं. इस मामले में भारत के लिए डिपोर्टेशन फ्लाइट अब तक की सबसे लंबी निर्वासन उड़ान है. इससे पहले अमेरिका ने ग्वाटेमाला, पेरू, होंडुरास, और इक्वाडोर के लिए भी निर्वासन उड़ानें चलाई थीं.
अमेरिका के आव्रजन नीति में नया मोड़
अमेरिका की तरफ से गैरकानूनी स्थिति वाले प्रवासियों के सामूहिक निर्वासन में सैन्य विमानों के इस्तेमाल ने आव्रजन नीति में एक नया मोड़ दिया है. ट्रंप प्रशासन ने इस कार्रवाई को अवैध आप्रवासियों के खिलाफ सख्त संदेश के रूप में पेश किया है. हालांकि, इन निर्वासन उड़ानों की लागत बेहद भारी है, जो इस कार्रवाई को और भी चर्चा का विषय बना रही है.
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