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Pakistan PM In World Government Summit 2025: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस दौरे पर हैं जहां उन्होंने भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में कहा कि इंडिया निवेश के लिए पसंदीदा जगह बनता जा रहा है और दुनियाभर के लोगों के लिए यह सही मौका है भारत में निवेश करने का.
जब पीएम मोदी फ्रांस में यह बात कह रहे थे तो उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दुबई में थे. दुबई में आयोजित विश्व सरकार शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में देश की आर्थिक परिवर्तन और वैश्विक शांति की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया और स्वच्छ ऊर्जा एवं पर्यावरण संरक्षण के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्रस्तुत किया.
शरीफ ने बताया कि पाकिस्तान 2030 तक 60 फीसदी स्वच्छ ऊर्जा मिश्रण और 30 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य रख रहा है. इसके लिए 100 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सोलर, विंड और हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी जैसे नए संसाधनों को तेजी से विकसित कर रहा है. शरीफ ने कहा, “हम नीतिगत सुधारों और निवेश प्रोत्साहनों के जरिये सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे पाकिस्तान वैश्विक पूंजी के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन सके.”
वैश्विक शांति और फिलिस्तीनी संघर्ष का समाधान
शरीफ ने इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया, जिसमें 1967 से पहले की सीमाओं के साथ एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना की बात की. उन्होंने गाज़ा में हो रहे हिंसक घटनाओं की कड़ी निंदा की और वैश्विक शांति के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराया.
‘उरण पाकिस्तान’ योजना का अनावरण
प्रधानमंत्री शरीफ ने पाकिस्तान की नई आर्थिक रणनीति ‘उरण पाकिस्तान’ का अनावरण किया. इस योजना में पांच प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं: निर्यात, ई-पाकिस्तान, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा, और समानता और सशक्तिकरण. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की युवा जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए, देश में सुधार किए जा रहे हैं ताकि यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन सके.
पर्यावरण-अनुकूल खेती और जलवायु नीति
शरीफ ने पाकिस्तान की पर्यावरण-अनुकूल कृषि प्रथाओं और जल-कुशल सिंचाई तकनीकों की भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि उन्नत कृषि तकनीकों में प्रशिक्षण के लिए 1000 पाकिस्तानी कृषि स्नातकों को चीन भेजने की योजना है. यह कदम जलवायु-स्मार्ट प्रौद्योगिकियों को देश में एकीकृत करने के लिए उठाया जा रहा है.
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