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Nepal-China BRI Loan: नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर बड़ा बयान देकर चीन को झटका दिया है. देउबा ने स्पष्ट किया कि नेपाल BRI के तहत कोई लोन नहीं ले रहा है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन ने नेपाल पर BRI के तहत विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए कर्ज लेने का दबाव बनाया था.
देउबा ने कहा, “BRI सिर्फ नेपाल और चीन के बीच विकास कार्यों के लिए सहमति पत्र है. हम किसी भी देश से महंगा लोन लेने की स्थिति में नहीं हैं.” यह बयान चीन की कर्ज देने वाली रणनीति पर सवाल खड़े करता है, जिससे अन्य देशों को भी सीख लेने की जरूरत है.
भारत के साथ संबंधों पर नेपाल का फोकस
नेपाल की विदेश मंत्री ने भारत के साथ संबंधों की सराहना की और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स पर विशेष ध्यान देने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारत के साथ बातचीत और परियोजनाओं पर काम सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अब तक भारत से नई दिल्ली आने का निमंत्रण नहीं मिला है. उन्होंने कहा, “अगर पीएम ओली को भारत बुलाया जाता है, तो यह हमारे रिश्तों के लिए बहुत खुशी की बात होगी.”
ओमान में भारतीय विदेश मंत्री से बातचीत
ओमान के मस्कट शहर में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मुलाकात के दौरान, देउबा ने भारत-नेपाल संबंधों पर गहन चर्चा की. उन्होंने कहा, “हम हमेशा से सार्थक बातचीत करने में सक्षम रहे हैं और हमारे रिश्ते सही दिशा में जा रहे हैं.” इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की गई, जिसमें हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स, व्यापार, और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई.
नेपाल-चीन संबंध और BRI पर सफाई
चीन के साथ BRI पर बात करते हुए, देउबा ने कहा कि यह सिर्फ विकास परियोजनाओं के लिए है, न कि किसी रणनीतिक गठबंधन का हिस्सा. उन्होंने कहा, “नेपाल एक गुटनिरपेक्ष देश है और किसी भी देश के साथ रणनीतिक गठबंधन नहीं करता.” यह बयान नेपाल की स्वतंत्र विदेश नीति को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, जहां वह चीन के दबाव से बचकर अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहता है.
नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा का बयान
नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा का यह बयान चीन और भारत दोनों के साथ संबंधों को संतुलित करने की दिशा में एक अहम कदम है. जहां उन्होंने चीन से महंगे कर्ज लेने से इनकार किया, वहीं भारत के साथ सकारात्मक संबंधों को मजबूत करने की इच्छा भी जताई. नेपाल की यह स्वतंत्र विदेश नीति न केवल उसके दीर्घकालिक हितों को सुरक्षित करती है, बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी एक मजबूत स्थिति में खड़ा करती है.
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