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US demands action on Bangladesh: बांग्लादेश में हो रहे हिंसा और मानवाधिकार हनन को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर सख्त कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है. अमेरिका के न्यू हैम्पशायर स्टेट असेंबली ने इस मुद्दे पर एक अहम प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें अमेरिकी सरकार से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को जिम्मेदार ठहराने की अपील की गई है. प्रस्ताव में हिंदुओं, बौद्धों, और ईसाई समुदायों पर हो रहे हमलों को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है.
यह प्रस्ताव ऐसे समय में पारित किया गया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर थे. इससे यह संकेत मिलता है कि बांग्लादेश के हालात पर वैश्विक समुदाय की नजरें टेढ़ी हो रही हैं और भारत का पक्ष मजबूत होता दिख रहा है. इस प्रस्ताव को रिपब्लिकन प्रतिनिधि अबुल बी. खान ने पेश किया और डग थॉमस व जोना व्हीलर ने इसका समर्थन किया. यह पहला मौका है जब किसी अमेरिकी विधायी निकाय ने बांग्लादेशी हालात पर इतना सख्त रुख अपनाया है.
ट्रंप प्रशासन से कड़े कदम उठाने की अपील
इस प्रस्ताव में ट्रंप प्रशासन से अपील की गई है कि वह बांग्लादेश में जारी हिंसा पर सख्त कदम उठाए. खासतौर पर धार्मिक अल्पसंख्यकों और अवामी लीग से जुड़े राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ हो रहे हमलों को रोकने की बात कही गई है. प्रस्ताव में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों पर बढ़ते हमलों, हत्या, गिरफ्तारी, घरों और धार्मिक स्थलों की तबाही की घटनाओं का जिक्र किया गया है.
इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा धार्मिक और सांस्कृतिक हमले
प्रस्ताव में इस्लामी कट्टरपंथियों की ओर से धार्मिक संस्थानों को नुकसान पहुंचाने, बांग्लादेश के संस्थापक से जुड़ी इमारतों को गिराने और सांस्कृतिक हस्तियों व पत्रकारों पर हो रहे हमलों की निंदा की गई है. साथ ही पुलिस अधिकारियों पर हो रहे हमलों और सरकार समर्थकों की हत्या पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई है. प्रस्ताव में अमेरिका से मांग की गई है कि वह इन घटनाओं की जांच कराए और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराए.
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