
कश्मीर आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल: मुसूरी में हुई थी शादी, 6 दिन बाद कश्मीर में बन गए आतंकवाद की त्रासदी की तस्वीर
करनाल/गुरुग्राम: 16 अप्रैल को मसूरी में धूमधाम से शादी रचाने वाले करनाल के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और गुरुग्राम की हिमांशी के जीवन पर छह दिन बाद आतंकवाद ने कहर बरपा दिया। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में विनय समेत 26 पर्यटकों की मौत हो गई। हिमांशी की वह तस्वीर, जिसमें वह पति के शव के पास बैठी नजर आ रही हैं, आतंकवाद की वीभत्सता की गवाह बन गई।
यूरोप की जगह कश्मीर चुना, मौत ने छीन ली खुशियाँ
विनय और हिमांशी स्विट्ज़रलैंड हनीमून प्लान कर रहे थे, लेकिन वीज़ा न मिलने पर उन्होंने कश्मीर जाने का फैसला किया। हमले के वक्त हिमांशी ने बताया, “मैं अपने पति के साथ भेलपुरी खा रही थी कि एक आदमी ने कहा कि वह मुस्लिम नहीं है… और फिर गोली मार दी।”
देशभर में मचा हड़कंप, नौसेना ने जताया दुख
भारतीय नौसेना ने एक पोस्ट में विनय की शहादत पर गहरा दुख जताया। नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा, “हम वीर जवान विनय नरवाल के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।”
1 मई को होता 27वाँ जन्मदिन, परिवार में मातम
विनय का जन्मदिन 1 मई को था, लेकिन उनकी हत्या ने परिवार को तोड़ दिया। उनके पिता राजेश नरवाल (GST विभाग में अधीक्षक) और माँ ने शोक संतप्त होकर कहा, “हमारा बेटा देश के लिए शहीद हो गया, लेकिन आतंकवादियों को सबक सिखाया जाना चाहिए।”
हरियाणा सरकार ने दी मदद का आश्वासन
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सaini ने करनाल में विनय के परिवार से मुलाकात की और कहा, “आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सरकार शहीद के परिवार के साथ है।”
“PM मोदी से अपील – आतंकियों को ढूंढकर मारा जाए”
विनय के चाचा सुरजीत नरवाल ने कहा, “हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाए।”
कौन थे लेफ्टिनेंट विनय नरवाल?
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जन्म: 1 मई 1997, करनाल
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शिक्षा: सोनीपत से इंजीनियरिंग, 3 साल पहले नेवी में चयन
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पोस्टिंग: कोच्चि स्थित सदर्न नेवल कमांड
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परिवार: पिता राजेश (GST अधिकारी), माता गृहिणी, बहन श्रृष्टि (UPSC की तैयारी)
हिमांशी गुरुग्राम के सेक्टर 47 की रहने वाली हैं और एक कॉलेज में पढ़ाती हैं। उनके पिता सुनील कुमार एक्साइज अधिकारी हैं।
शहीद के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़
विनय के शव को तिरंगे में लपेटकर करनाल लाया गया, जहाँ हजारों लोगों ने “हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद” के नारे लगाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी।