
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सर्जिकल स्ट्राइक और महिला अधिकारियों की वीरता
भारत ने पाकिस्तान और POK में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, महिला अधिकारियों ने दिखाई अदम्य शक्ति
नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2024 – ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित कम से कम नौ आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। इस ऑपरेशन के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ मीडिया को संबोधित किया। इस ब्रीफिंग में दो महिला अधिकारियों की उपस्थिति ने एक शक्तिशाली संदेश दिया, जो भारतीय सेना में महिलाओं के बढ़ते योगदान को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सर्जिकल स्ट्राइक
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पहलगाम हमले के जवाब में किया गया एक साहसिक सैन्य अभियान था, जिसमें कई भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को नष्ट करना और उनकी रणनीति को ध्वस्त करना था। भारतीय वायुसेना और सेना ने मिलकर पाकिस्तानी सीमा के पार सटीक हमले किए, जिससे आतंकवादियों को भारी नुकसान हुआ।
महिला अधिकारियों ने दिखाया साहस
इस ऑपरेशन के बाद की गई प्रेस ब्रीफिंग में विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी की उपस्थिति ने देशभर में चर्चा बटोरी। यह क्षण न केवल भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है, बल्कि पहलगाम हमले में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं के प्रति देश के सम्मान को भी प्रदर्शित करता है।
कर्नल सोफिया कुरैशी: भारतीय सेना की प्रेरणादायक नेता
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना के सिग्नल कोर में एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं। उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करके इतिहास रच दिया था। गुजरात की रहने वाली कर्नल कुरैशी ने 1999 में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) के माध्यम से भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया था।
उनका परिवार एक मजबूत सैन्य पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखता है, जिसने उन्हें सशस्त्र बलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। उनके पति भी मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में एक अधिकारी हैं। उनकी शुरुआती नियुक्तियों में आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों में तैनाती शामिल थी, जहाँ उन्होंने सिग्नल रेजिमेंट्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन और अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में योगदान
2006 में, कर्नल कुरैशी ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने संघर्ष विराम की निगरानी और मानवीय सहायता कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मार्च 2016 में, उन्होंने भारत के सबसे बड़े विदेशी सैन्य अभ्यास ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में 40 सदस्यीय भारतीय सेना टुकड़ी का नेतृत्व किया। यह अभ्यास पुणे में आयोजित किया गया था और इसमें चीन, अमेरिका, रूस, जापान और दक्षिण कोरिया सहित 18 आसियान देशों ने भाग लिया। इस अभ्यास में वह एकमात्र महिला अधिकारी थीं, जिसने भारतीय सेना की क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया।
भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाएं अब केवल सहायक भूमिकाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे मुख्य युद्धक भूमिकाओं में भी अपनी क्षमता साबित कर रही हैं। भारत सरकार ने हाल के वर्षों में सेना में महिलाओं के लिए अधिक अवसर खोले हैं, जिससे वे अब फाइटर पायलट, सैन्य अधिकारी और यहां तक कि स्पेशल फोर्सेस में भी सेवा दे रही हैं।
निष्कर्ष: एक नए भारत का संदेश
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को स्पष्ट कर दिया है। साथ ही, महिला अधिकारियों की बढ़ती भागीदारी ने यह दिखाया है कि भारतीय सेना अब पूरी तरह से लैंगिक समानता की ओर अग्रसर है। कर्नल सोफिया कुरैशी जैसी वीर महिलाओं की कहानियां न केवल युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि वे भारत के सैन्य इतिहास में एक नए अध्याय का प्रतीक भी हैं।