
सुप्रीम कोर्ट ने महिला SSC अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिए जाने के मामले में केंद्र को फटकार लगाई
नई दिल्ली, [आज की तारीख]: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह उन शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) महिला अधिकारियों को सेवा से मुक्त न करे, जिन्होंने स्थायी कमीशन (Permanent Commission – PC) देने से इनकार किए जाने के फैसले को चुनौती दी है। कोर्ट ने कहा कि इन अधिकारियों का मनोबल नहीं गिराया जाना चाहिए और उनकी प्रतिभा का उपयोग सेना में किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 69 महिला SSC अधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं को अगस्त में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक इन अधिकारियों को सेवा से नहीं हटाया जाएगा।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “मौजूदा स्थिति में हमें इन अधिकारियों का मनोबल नहीं गिराना चाहिए। ये प्रतिभाशाली हैं और इनकी सेवाओं का उपयोग कहीं और किया जा सकता है। यह समय नहीं है कि उन्हें अदालत के चक्कर लगवाए जाएं।”
केंद्र सरकार का तर्क
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह निर्णय सशस्त्र बलों को युवा बनाए रखने की नीति पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को युवा अधिकारियों की जरूरत है और हर साल केवल 250 कर्मियों को ही स्थायी कमीशन दिया जाता है।
कर्नल सोफिया कुरैशी का मामला
इस मामले में, कर्नल गीता शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने कर्नल सोफिया कुरैशी के मामले का उल्लेख किया। कर्नल कुरैशी उन दो महिला अधिकारियों में से एक हैं, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में मीडिया को जानकारी दी थी। गुरुस्वामी ने कहा कि कर्नल कुरैशी को भी स्थायी कमीशन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था, और आज वे देश के लिए गौरव का विषय हैं।
सुप्रीम कोर्ट का पिछला फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी, 2020 को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन से वंचित रखना भेदभावपूर्ण है। कोर्ट ने सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया था, जिसमें शारीरिक सीमाओं और सामाजिक मान्यताओं का हवाला देते हुए महिलाओं को कमांड भूमिकाओं से दूर रखा गया था।
कोर्ट ने कहा था कि “महिला अधिकारियों ने सेना में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और लैंगिक समानता सुनिश्चित करना आवश्यक है।”
सेना में महिलाओं की भूमिका
2020 के फैसले के बाद से, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के मुद्दे पर कई आदेश पारित किए हैं। यह फैसला न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि सेना में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश महिला अधिकारियों के अधिकारों की रक्षा करता है और सेना में लैंगिक न्याय सुनिश्चित करता है। केंद्र सरकार को अब इस फैसले का पालन करते हुए SSC महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देना होगा।