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Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल पूरे हो चुके हैं. दोनों देशों के बीच युद्ध को खत्म करने के लिए दोनों ओर से कोशिशें चल रही हैं, लेकिन दोनों तरफ से तनाव भी बढ़ रहा है. दरअसल अमेरिका ने रूसी सीमा के करीब अपने B-52 बॉम्बर उड़ाए थे, जिसके जवाब में रूस ने यूक्रेन सीमा पर परमाणु हमला करने की ताकत रखने वाले Tu-95MS जेट्स का इस्तेमाल किया. रूस के आक्रामक तेवर को देखते हुए NATO देशों में दहशत फैल गई.
यूक्रेन युद्ध के तीन साल होने पर अमेरिका ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए रूसी सीमा से 80 किमी दूर अपने बॉम्बर उड़ाए थे. अमेरिकी B-52 जेट्स परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं, जिसके बाद रूस ने जवाबी कार्रवाई की और अपने Tu-95MS जेट्स का इस्तेमाल किया. परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम रूस का ये बॉम्बर लंबी दूरी तक हमला कर सकता है. रूस की ओर से जैसे ही Tu-95MS जेट्स का इस्तेमाल हुआ, वैसे ही नाटो सेना ने पोलैंड में अपनी एयरफोर्स तैनात कर दी.
जेलेंस्की का दावा- इन देशों पर हमला कर सकते हैं पुतिन
रूस की ओर से जब जेटTu-95MS जेट्स का इस्तेमाल हुआ, उसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति ने चेतावनी देते हुए कहा कि पुतिन जिन देशों पर हमला कर सकते हैं, उनमें एस्टोनिया भी शामिल हो गया है. जेलेंस्की का कहना है कि जिन पूर्वी यूरोपीय देशों में रूसी आबादी है या सोवियत संघ के प्रभाव क्षेत्र का हिस्सा थे, वह खतरे में हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति के मुताबिक पोलैंड, स्लोवाकिया, लातविया, एस्टोनिया और मोल्दोवा पुतिन के निशाने पर हैं.
रूस का फाइटर जेट देख NATO में खलबली
रूस के फाइटर जेट्स देखकर कीव में तो दहशत हुई. साथ ही नाटो देशों में भी खलबली मच गई. रूस ने परमाण हथियार ले जाने में सक्षम जिस Tu-95MS जेट्स का इस्तेमाल किया था, वैसे जेट पुतिन के पास 55 हैं. रूस के इस हमले के कारण नाटो तुरंत अलर्ट हो गया है और अपने सदस्य देशों को बचाने के लिए तैयार हो गया. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक पोलैंड के सशस्त्र बलों के ऑपरेशन कमांड मुख्यालय ने कहा, ‘रूस की लंबी दूरी के विमानों के कारण पोलैंड के हवाई क्षेत्र में विमान उड़ाने पड़े.’
पुतिन और ट्रंप कर रहे हैं बातचीत
यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीडा उठाया है. वह पुतिन से लगातार बातचीत कर रहे हैं. इसके अलावा रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने भी हाल ही में सऊदी अरब में बातचीत की थी और कहा था कि जल्द ही यूक्रेन युद्ध खत्म हो जाएगा. हालांकि इस बातचीत में यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया था, जिसकी वजह से जेलेंस्की नाराज दिखाई दिए थे. उनका कहना है कि वो ऐसी किसी वार्ता को नहीं मानेंगे, जिसमें यूक्रेन शामिल न हो. जिसके बाद जेलेंस्की और ट्रंप के बीच बयानबाजी देखने को मिली थी.
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