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USAID Gave Money to Falahs e Insaniat Foundation: US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) अमेरिकी सरकार की एक वैधानिक निकाय है. हालांकि, ये बात कम ही लोगों को पता है कि इस एजेंसी से मिलने वाला पैसा भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों को जाता था. फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF), जो कि हाफिज सईद के लश्कर-ए-तैयबा (LET) का मुखौटा संगठन है. इस समूह को USAID के माध्यम से फंडिंग मिलती थी. यह फाउंडेशन पाकिस्तान से संचालित होता है और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है.
यह कहा जाता है कि USAID को भारत-विरोधी जॉर्ज सोरोस से फंडिंग मिलती थी. फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा (JUD) से जुड़ा है, जिसे मुंबई के 26/11 हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. हालांकि, एक बार अमेरिकी सरकार ऐसे संगठनों पर बैन लगा चुका था, लेकिन उसके बावजूद इन्हें USAID के माध्यम से पैसे मिलते रहे थे.
ट्रंप प्रशासन का कदम USAID को किया बंद
डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति बनते ही USAID को बंद करने का आदेश दिया. ट्रंप प्रशासन ने एजेंसी पर अमेरिकी करदाताओं के पैसे का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. USAID को बंद कर इसके सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया और दुनियाभर में काम कर रहे कर्मियों को अमेरिका लौटने का आदेश दिया गया.
फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की सच्चाई
फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) को अमेरिका और भारत ने लश्कर-ए-तैयबा का मददगार संगठन करार दिया जाता है. जब लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध लगा तब FIF को बनाया गया ताकि जांच और प्रतिबंधों से बचा जा सके. USAID के जरिए इस फाउंडेशन को 2010 तक फंड मिलता रहा, जबकि अमेरिका ने खुद इसे एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन करार दिया था.
FIF पर अमेरिकी प्रतिबंध और फंडिंग का विवाद
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पाकिस्तान में स्थित एक ऐसा संगठन है, जो लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा से गहरे रूप से जुड़ा हुआ है. इस संगठन पर अमेरिकी सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बावजूद, USAID के माध्यम से इसे फंड मिलता रहा.
FIF को फंडिंग कैसे मिलती रही?
USAID ने हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट (HHRD) के माध्यम से FIF को सहायता दी. HHRD मिशिगन स्थित एक इस्लामी चैरिटी है, जिसका संबंध दक्षिण एशिया में जिहादी संगठनों से जुड़ा हुआ है. USAID और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के बीच की फंडिंग ने कई सवाल खड़े किए हैं. अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद FIF को फंड मिलना और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठन से इसका जुड़ाव अमेरिका और अन्य देशों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
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