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Bangladesh Sheikh Hasina Exile Survey: हाल ही में किए गए एक सर्वे से पता चला है कि 50.2 फीसदी भारतीयों का मानना है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत छोड़ देना चाहिए. यह सर्वे इंडिया टुडे एनई की तरफ से आयोजित मूड ऑफ द नेशन शीर्षक के तहत किया गया.
इस सर्वे में हसीना को भारत की ओर से आश्रय प्रदान करने के मुद्दे पर जनता की राय मांगी गई थी. हसीना ने जुलाई में बांग्लादेश में हुए विद्रोह के बाद भारत में शरण ली थी.
सर्वे में 21.1 फीसदी लोगों का मानना है कि भारत को हसीना को बांग्लादेश में प्रत्यर्पित करना चाहिए ताकि ढाका में वर्तमान सरकार के साथ संबंधों में सुधार हो सके. वहीं, 29.1 फीसदी लोगों का मानना है कि हसीना को भारत में रहने के बजाय किसी अन्य देश में ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए.
पूर्वोत्तर राज्यों का सर्वे में योगदान
बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले पूर्वोत्तर राज्यों में हसीना के प्रत्यर्पण के लिए समर्थन सबसे मजबूत है. इस क्षेत्र के 55 फीसदी लोगों ने कहा कि हसीना को बांग्लादेश वापस भेजा जाना चाहिए. साथ ही, 16 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए किसी तीसरे देश में भेजा जाना चाहिए, जबकि 23 फीसदी का मानना है कि भारत के साथ उनके लंबे गठबंधन को देखते हुए उन्हें भारत में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए.
हसीना के भारत में रहने का समर्थन
राष्ट्रीय स्तर पर, 37.6 फीसदी लोगों का कहना है कि शेख हसीना भारत की एक दृढ़ सहयोगी रही हैं और वफादारी के प्रतीक के रूप में उन्हें भारत में शरण दी जानी चाहिए. यह समर्थन हसीना की तरफ से भारत के साथ दीर्घकालिक संबंधों और सहयोग की मान्यता के रूप में देखा जा रहा है.
हसीना का भारत में आश्रय और बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
5 अगस्त को, छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शनों के बीच हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ भारत भाग आईं. वह बांग्लादेश में 100 से अधिक कानूनी मामलों का सामना कर रही हैं, जिनमें हत्या, सामूहिक हत्याओं और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप शामिल हैं. 23 दिसंबर को, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार से औपचारिक रूप से हसीना की वापसी के लिए अनुरोध किया, लेकिन अभी तक भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
पूर्वोत्तर राज्यों की विशेष प्रतिक्रिया
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि पूर्वोत्तर भारत के लोग हसीना के प्रत्यर्पण के प्रति अधिक झुकाव रखते हैं. इस क्षेत्र में उनके प्रत्यर्पण के लिए व्यापक समर्थन है, जो भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की संवेदनशीलता को उजागर करता है.
हसीना के बारे में भारत की राय
यह सर्वेक्षण इस बात को उजागर करता है कि हसीना के भारत में रहने को लेकर जनता की राय बंटी हुई है. कुछ लोग उन्हें भारत में शरण देने का समर्थन करते हैं, जबकि अन्य उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने या किसी तीसरे देश में भेजने की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है, जबकि जनता का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से विभाजित है.
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