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Bangladesh BNP Leader on India : बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता के पतन के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्ते में काफी तनाव आया है और ये हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं. बांग्लादेश के गठन के बाद से जिस देश के साथ भारत के काफी अच्छे संबंध रहे, अब उसी देश के साथ मतभेद हो रहे हैं. बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पाकिस्तान और चीन की तरफ झुकती जा रही है, जो भारत के लिए एक बड़ी रणनीतिक चिंता का विषय गया है.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) के जनरल सेक्रेटरी मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने सोमवार (17 फरवरी) को कहा कि अगर भारत बांग्लादेश के साथ अपने संबंध सुधारना चाहता है, तो उसे तीन शर्तों को मानना होगा.
कौन-सी है वो तीन शर्तें?
मिर्जा फखरुल इस्लाम ने लालमोनिरहाट में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हम भारत को यह साफ कर देना चाहते हैं कि यदि आप बांग्लादेश के लोगों के साथ संबंध बनाए रखना चाहते हैं, तो आपको तीस्ता नदी के पानी में हमारा पूरा हिस्सा देना होगा. सीमा पर हमारे लोगों पर गोलीबारी बंद करनी होगी और हमारे प्रति बड़े भाई का रवैया छोड़ना होगा.”
“I want to make this clear to India—I’ve said it before, and I’m saying it again: If you want to build a friendship with Bangladesh, then first, give us our fair share of Teesta’s water. Stop the killings at the border, and end the condescending “big brother” attitude toward us.… pic.twitter.com/oWL7csqW3P
— Hassan Amr (@hassanamraudhi) February 17, 2025
अपने पैरों पर खड़ा होगा बांग्लादेश- फखरुल
BNP की जनरल सेक्रेटरी मिर्जा फखरुल ने कहा, “बांग्लादेश अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है और भारत के पड़ोसी देश के रूप में अपने सभी अधिकारों और हिस्सेदारी को महसूस करना चाहता है.” उन्होंने यह भी कहा, “बांग्लादेश के लोग निश्चित रूप से भारत के साथ दोस्ती वाला रिश्ता बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन यह रिश्ता गरिमा पर आधारित होना चाहिए. इसमें सभी अधिकारों में बराबरी और उचित हिस्सेदारी को मान्यता दी जानी चाहिए.”
अवामी लीग पर आरोप, भारत को बेचा बांग्लादेश
मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर निशाना साधते हुए कहा कि कई लोगों की उम्मीद थी कि 2009 में शेख हसीना के नेतृत्व में अवामी लीग के सत्ता में आने के बाद भारत बांग्लादेश के लिए तीस्ता नदी का पानी सुनिश्चित करेगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, बल्कि अवामी लीग ने बांग्लादेश को भारत को बेच दिया, लेकिन तीस्ता नदी की पानी की एक बूंद भी बांग्लादेश के लोगों को नसीब नहीं हुई.
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