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Mohammed Yunus Bangladesh Army Chief : पिछले साल 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में सत्ता पर काबिज शेख हसीना का तख्तापलट हो गया. इसके बाद से ही हसीना के नेतृत्व में 16 साल तक प्रगति की ओर तेजी से बढ़ने वाला बांग्लादेश अब एक अस्थिर राजनीतिक परिस्थिति में फंसा हुआ है. देश में सत्ता संघर्ष के साथ-साथ इस्लामिक कट्टरपंथ भी तेजी से अपने पैर पसार रहा है. वहीं, इस बीच मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले बांग्लादेश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी सक्रिय हो गई है.
बांग्लादेश में शेख हसीना के करीबियों और वफादारों की जान पर बनी हुई है. इसके बावजूद उनमें से कुछ लोग छिपकर विदेशी मीडिया को इंटरव्यू दे रहे हैं. बांग्लादेश से शेख हसीना को हटाए जाने को उनके करीबी “इस्लामिक सैन्य तख्तापलट” करार देते हैं.
हाल ही में शेख हसीना की सरकार में गृह मंत्री रहे असदुज्जमां खान कमाल ने एक इंटरव्यू में सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमान और देश की खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों पर इस्लामिक आतंकवादियों और सेना द्वारा संयुक्त तख्तापलट में सहयोग का आरोप लगाया. हालांकि, विशेषज्ञ शेख हसीना के विरोध में हुए छात्र आंदोलन में इस्लामिक कट्टरपंथियों और पाकिस्तान की आईएसआई की भूमिका स्वीकार करते हैं लेकिन बांग्लादेश सेना प्रमुख को निशाने पर लिए जाने को खतरनाक बताते हैं.
सेना के लिए विनाशकारी हो सकते है नतीजे
यूरेशियन टाइम्स में लिखे एक लेख में सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने कहा, “अगर जनरल वकार उज जमान इस्लामिक कट्टरपंथियों, जेहादियों और खिलाफत समर्थकों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई करने में विफल हो जाते हैं और अगर मोहम्मद यूनुस और उनके सहयोगी सेना के अधिकारियों पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाने में जीत जाते हैं तो सेना के लिए नतीजे विनाशकारी हो सकते हैं. ”
बांग्लादेश सेना प्रमुख के खिलाफ चल रही साजिश
लेख में चौधरी ने आगे लिखा कि यूनुस और उनके सहयोगी बांग्लादेश सेना और डायरेक्टर जनरल ऑफ फोर्सेज इंटेलीजेंस (DGFI) को खत्म करके उसी जगह “इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी (IRA)” लाना चाहते हैं. वहीं, यूनुस के कुछ सहयोगी सेना प्रखुख पर अवामी लीग के नेताओं को देश के बाहर भेजने का आरोप लगा रहे हैं. इससे साफ है कि अब मोहम्मद यूनुस वर्तमान सेना प्रमुख को हटाकर किसी और को लाने की योजना बना रहे हैं.
भारत के लिए है खतरे की घंटी
रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी सक्रिय हो गई है. इस महीने की शुरुआत में ही ISI चीफ ने बांग्लादेश का दौरा किया था. इसके साथ ISI भारत को फिर से अस्थिर करने के लिए बांग्लादेश में अपने ठिकानों और ऑपरेशन को फिर से स्थापति करने में जुगत में लगी है, जो भारत के लिए एक खतरे की घंटी है. ISI का उन इलाकों पर फोकस है जो संभावित रूप से भारत विरोधी विद्रोही समूहों के लिए एक प्रशिक्षण मैदान के रूप में काम कर सकते हैं. हालांकि, कई आतंकवादी संगठनों ने प्रशिक्षित गुर्गों ने आतंकियों को प्रशिक्षण देने शुरू भी कर दिया है.
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