
BSP नेता के परिवार के खिलाफ घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के गंभीर आरोप
हापुड़: बसपा (बहुजन समाज पार्टी) प्रमुख मायावती की भतीजी की शिकायत के बाद हापुड़ नगरपालिका परिषद की अध्यक्ष पुष्पा देवी और उनके परिवार के छह सदस्यों के खिलाफ घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया गया है। इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है।
BSP ने पुष्पा देवी और परिवार को पार्टी से निष्कासित किया
बसपा ने हापुड़ नगरपालिका अध्यक्ष पुष्पा देवी, उनके पति श्रीपाल सिंह और बेटे विशाल सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी के जिला अध्यक्ष डॉ. ए.के. कर्दम ने इसकी पुष्टि की है।
शादी के बाद शुरू हुआ दहेज और मानसिक प्रताड़ना का सिलसिला
शिकायतकर्ता के वकील राजीव शर्मा ने बताया कि महिला ने 9 नवंबर 2023 को पुष्पा देवी के बेटे विशाल सिंह से शादी की थी। शादी के तुरंत बाद आरोपी परिवार ने बसपा का टिकट, 50 लाख रुपये नकद और गाजियाबाद में एक फ्लैट की मांग की।
वकील ने आगे बताया कि विशाल सिंह ने बॉडीबिल्डिंग के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया, जिससे वह वैवाहिक जीवन के लिए चिकित्सकीय रूप से अयोग्य हो गया। इसके बाद 17 फरवरी 2025 को उसके ससुर और देवर ने उसका यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया।
पुलिस ने अदालत के निर्देश पर केस दर्ज किया
थाना प्रभारी मुनीश प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. ब्रह्मपाल सिंह के निर्देश पर 10 अप्रैल को हापुड़ नगर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज की गई। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्नलिखित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है:
- धारा 85 (पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता)
- धारा 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना)
- धारा 351(2) (आपराधिक धमकी)
- धारा 75 (यौन उत्पीड़न)
- धारा 76 (महिला को निर्वस्त्र करने का प्रयास)
- दहेज निषेध अधिनियम की संबंधित धाराएं
पीड़िता का आरोप – “ससुराल वालों ने देवर से बच्चा पैदा करने को कहा”
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जब महिला ने अपने पति की चिकित्सीय स्थिति के बारे में ससुराल वालों से बात की, तो उसकी सास और ननद ने कहा कि वह अपने देवर भूपेंद्र (मोनू) से बच्चा पैदा करे।
इसके अलावा, 17 फरवरी की रात को उसके ससुर और देवर ने उसका यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया और धमकी दी कि अगर दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो वे उसकी और उसके परिवार की प्रतिष्ठा को नष्ट कर देंगे।
पुलिस ने शुरू में नहीं की थी कार्रवाई?
पीड़िता ने दावा किया कि पुलिस ने शुरू में उसकी शिकायत को नजरअंदाज किया। उसने 21 मार्च को पुलिस अधीक्षक को शिकायत भेजी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः 24 मार्च को उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद 10 अप्रैल को केस दर्ज किया गया।
अगले चरण में क्या होगा?
पुलिस ने पुष्टि की है कि जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला दहेज और महिला सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दों को उजागर करता है, जिस पर समाज और प्रशासन का ध्यान जाना चाहिए।