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MEA On Illegal Immigration: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है. इस अभियान में अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार कर निर्वासित किया जा रहा है. इस बीच भारत ने साफ किया है कि वह न केवल अमेरिका में, बल्कि दुनिया भर में अवैध प्रवासियों का कड़ा विरोध करता है. विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर अपना रुख दोहराते हुए कहा कि इसका वास्ता संगठित अपराध से है और हम इसके खिलाफ हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार (24 जनवरी) को कहा, “हम अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ हैं. यदि कोई बाहर अगर अवैध तरीके से रहा है, तो हम भारतीय नागरिक को वापस लेने के लिए तैयार हैं”. भारतीय नागरिकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए, सरकार उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद वापसी की प्रक्रिया को और आसान बनाएगी.
एस जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मुद्दे पर भारत के रुख को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा, “भारत वैध अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता का समर्थक है और चाहता है कि भारतीय प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर अधिकतम अवसर मिलें. हम अवैध प्रवासन का कड़ा विरोध करते हैं. अवैध गतिविधियां न केवल अनैतिक हैं, बल्कि यह किसी भी देश की प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक होती हैं.” जयशंकर ने आगे कहा कि भारत वैध वापसी के लिए हमेशा तैयार रहा है, बशर्ते नागरिकों की पहचान सही ढंग से स्थापित हो.
अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर ट्रम्प प्रशासन की कार्रवाई
ट्रम्प प्रशासन ने हाल ही में एक बड़े अभियान में 538 अवैध अप्रवासियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए लोगों में एक संदिग्ध आतंकवादी. ट्रेन डी अरागुआ गिरोह के चार सदस्य. यौन अपराधों के दोषी भी शामिल है. राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में मैक्सिको के साथ दक्षिणी सीमा पर “नेशनल इमरजेंसी” घोषित किया है. उन्होंने अपराधिक विदेशियों को निर्वासित करने और सीमा सुरक्षा कड़ी करने के लिए कदम उठाए. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस अभियान की पुष्टि करते हुए इसे “अवैध अप्रवासन के खिलाफ एक बड़ी सफलता” बताया है.
भारत और अमेरिका के बीच सहयोग
भारत और अमेरिका दोनों की नीति और पॉलिसी अवैध प्रवासियों को लेकर क्लियर है, दोनों इसके खिलाफ हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन भारत के साथ लगभग 18,000 भारतीयों के निर्वासन के लिए काम कर रहा है, जो अमेरिका में या तो बिना दस्तावेज हैं या वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे हैं. भारत ने इस मामले में अमेरिका को सहयोग का आश्वासन दिया है.
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