
FATF की नई रिपोर्ट: राज्य प्रायोजित आतंकवाद और भारत की सुरक्षा चुनौतियाँ
वैश्विक आतंकवादी वित्तपोषण पर FATF की चेतावनी
Financial Action Task Force (FATF) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में पहली बार “State-Sponsored Terrorism” (राज्य प्रायोजित आतंकवाद) की अवधारणा को शामिल किया है। यह रिपोर्ट भारत के उस दावे को मजबूती प्रदान करती है, जिसमें वह पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है। FATF के अनुसार, राज्य प्रायोजित आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति, वित्तीय स्थिरता और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।
FATF रिपोर्ट: पाकिस्तान और आतंकी वित्तपोषण
FATF की रिपोर्ट में कहा गया है कि Lashkar-e-Taiba (LeT), Jaish-e-Mohammed (JeM) और अन्य आतंकी संगठन हवाला, NGOs, क्रिप्टोकरेंसी और सोशल मीडिया के जरिए धन जुटा रहे हैं। यह खुलासा भारत के “Money Laundering/Terrorist Financing Risk Assessment 2022” के निष्कर्षों से मेल खाता है, जिसमें पाकिस्तान को “State-Sponsored Terrorism Financing” का प्रमुख स्रोत बताया गया था।
भारत में आतंकी हमले: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग
पुलवामा आतंकी हमला (2019) – ई-कॉमर्स का दुरुपयोग
FATF ने Pulwama Attack (2019) का जिक्र करते हुए बताया कि आतंकवादियों ने Amazon जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से Aluminium Powder खरीदा था, जिसका उपयोग Improvised Explosive Device (IED) बनाने में किया गया। इस हमले में 40 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और Jaish-e-Mohammed (JeM) को जिम्मेदार ठहराया गया था।
गोरखनाथ मंदिर हमला (2022) – ऑनलाइन पेमेंट्स का दुरुपयोग
अप्रैल 2022 में, Gorakhnath Temple Attack के दौरान ISIS से जुड़े आतंकी ने PayPal के माध्यम से 6.7 लाख रुपये विदेश में भेजे थे। हमलावर ने VPN और डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल करके अपनी लोकेशन छिपाई थी।
पहलगाम हमला (2025) – FATF की चेतावनी
FATF ने April 2025 के Pahalgam Terror Attack की निंदा करते हुए कहा कि वित्तीय सहायता के बिना ऐसे हमले असंभव हैं। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हुई थी।
राज्य प्रायोजित आतंकवाद: FATF की परिभाषा और भारत का रुख
FATF ने State-Sponsored Terrorism को परिभाषित करते हुए कहा कि यह तब होता है जब कोई देश आतंकी गतिविधियों को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से फंडिंग करता है। यह परिभाषा भारत के आरोपों से मेल खाती है, जिसमें पाकिस्तान पर LeT, JeM और UN-Banned Terror Groups को समर्थन देने का आरोप लगाया गया है।
भारत की मांग: FATF ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान
भारत ने FATF को तीन पत्र भेजकर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट (Increased Monitoring List) में डालने की मांग की है। ग्रे लिस्ट में शामिल होने का मतलब है कि पाकिस्तान को अपनी वित्तीय प्रणाली में सुधार करना होगा, वरना उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।
डिजिटल युग में आतंकी वित्तपोषण: नई चुनौतियाँ
FATF ने चेतावनी दी है कि आतंकी संगठन अब ई-कॉमर्स, क्रिप्टोकरेंसी, सोशल मीडिया और डार्क वेब का इस्तेमाल कर रहे हैं। उदाहरण के लिए:
Al-Qaeda अब AQIS (Al-Qaeda in Indian Subcontinent) के जरिए स्थानीय स्तर पर फंडिंग कर रहा है।
ISIS ने Telegram और Bitcoin का उपयोग करके वैश्विक फंडिंग नेटवर्क बनाया है।
FATF रिपोर्ट का भारत पर प्रभाव
FATF की यह रिपोर्ट भारत की सुरक्षा चिंताओं को वैश्विक स्तर पर मान्यता देती है। यह पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने में मदद करेगी। भारत ने इस रिपोर्ट को अपनी जीत बताया है और FATF से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।