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India China Relations: चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार (27 फरवरी, 2025) को कहा कि उसकी और भारत की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को खत्म करने के प्रस्तावों को ‘‘व्यापक और प्रभावी तरीके’’ से लागू कर रही हैं.
मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वु कियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में, पूर्वी लद्दाख सेक्टर में स्थिति के सामान्य होने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘वर्तमान में, चीनी और भारतीय सेनाएं सीमा क्षेत्रों से संबंधित प्रस्तावों को व्यापक और प्रभावी तरीके से लागू कर रही हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए भारतीय पक्ष के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं.’’
सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया हो चुकी है पूरी
भारत और चीन ने पिछले साल के अंत में देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी के लिए एक समझौते को अंतिम रूप देने के बाद यह (सैनिकों की वापसी की) प्रक्रिया पूरी कर ली है. पूर्वी लद्दाख में स्थित टकराव वाले इन दो स्थानों से सैनिकों की वापसी के साथ, चार साल से अधिक समय से संबंधों में जारी गतिरोध खत्म हो गया.
पीएम मोदी ने की थी शी जिनपिंग के साथ बातचीत
समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कज़ान में बातचीत की. बैठक में दोनों पक्षों ने विभिन्न वार्ता तंत्रों को बहाल करने का निर्णय लिया था. इसके बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले साल 18 दिसंबर को बीजिंग में 23वीं विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तर की बातचीत की.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 26 जनवरी को चीन की राजधानी की यात्रा की थी और अपने चीनी समकक्ष सुन वेइदोंग के साथ बातचीत की. सिलसिलेवार वार्ता के बाद दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं. भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल नहीं होगी, चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते.
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