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यह एस्टेरॉयड 2032 में पृथ्वी के पास से गुजरेगा और इस दौरान टकराव की संभावना बढ़ रही है, जिससे वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है.

नासा की रिपोर्ट के अनुसार, इस एस्टेरॉयड से सबसे ज्यादा खतरे में आने वाले शहरों में मुंबई, कोलकाता, ढाका और बोगोटा शामिल हैं.

इसके अलावा, पश्चिम अफ्रीका का अबिदजान, नाइजीरिया का लागोस और सूडान की राजधानी खार्तूम भी इस खतरे की जद में हैं. एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की संभावना की स्थिति में यह पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है.

यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के पूर्वी प्रशांत महासागर, उत्तरी दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, अफ्रीका, अरब सागर और दक्षिण एशिया के क्षेत्रों में कहीं भी टकरा सकता है, जिसे ‘जोखिम गलियारा’ कहा जा रहा है.

2024 YR4 एस्टेरॉयड करीब 177 फीट (54 मीटर) चौड़ा है, जो पीसा की मीनार जितना ऊंचा है. अगर यह पृथ्वी से टकराता है, तो यह एक बड़े शहर को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है.

अनुमान के अनुसार, टकराव की स्थिति में यह करीब 8 मेगाटन ऊर्जा छोड़ेगा, जो हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 500 गुना ज्यादा होगी. इस ऊर्जा के प्रभाव से मलबे का ढेर और भारी नुकसान होने की संभावना है.

वर्तमान में, 96.9 प्रतिशत संभावना है कि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से नहीं टकराएगा, लेकिन 3.1 प्रतिशत की यह संभावना भी चिंताजनक है.

विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे इस एस्टेरॉयड की प्रक्षेपवक्र (ट्रैजेक्टरी) के बारे में अधिक जानकारी सामने आएगी, टकराव की संभावना घट सकती है, यहां तक कि यह शून्य भी हो सकती है.

वैज्ञानिक 2024 YR4 के बारे में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इसके मार्ग का सटीक अनुमान लगाया जा सके

विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आने वाले समय में इस एस्टेरॉयड के टकराव की संभावना पर और स्पष्टता मिलेगी, जिससे संभावित खतरे को कम किया जा सकेगा.
Published at : 19 Feb 2025 01:20 PM (IST)
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