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America-Pakistan News: पाकिस्तान ने गुरुवार (23 जनवरी 2025) को कहा कि अमेरिका पाकिस्तान में बड़ी संख्या में रह रहे अफगान शरणार्थियों को अपने यहां ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है. नए ट्रंप प्रशासन की ओर से 27 जनवरी से कम से कम तीन महीने के लिए अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम को स्थगित किए जाने के कुछ दिन बाद पाकिस्तान की यह टिप्पणी सामने आई है.
‘अफगानों के प्रति नीति में बदलाव की कोई योजना नहीं’
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफाकत अली खान ने कहा, ‘‘हमारी अमेरिका के साथ एक सहमति है जिसके तहत वह इस वर्ष सितंबर तक बड़ी संख्या में अफगानों को पुनर्वास के लिए पाकिस्तान से अमेरिका ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यवस्था अब तक लागू है. पाकिस्तान अफगान शरणार्थियों के संबंध में अपनी मौजूदा नीतियों को लागू करना जारी रखेगा.” उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में रहने वाले अफगानों के प्रति नीति में बदलाव की कोई योजना नहीं है.
अमेरिका के साथ संबंध को लेकर बोला पाकिस्तान
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 15,000 अफगान नागरिक पाकिस्तान में अमेरिकी सरकार के कार्यक्रम के माध्यम से अमेरिका में पुनर्वास के लिए मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं. यह कार्यक्रम तालिबान के शासन में खतरे में पड़े अफगानों की मदद के लिए बनाया गया था. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए नए अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत के आधार पर अमेरिका के साथ मजबूत और सुदृढ़ संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.’’
ISIS को समर्थन देने का दावों को नकारा
अमेरिकी प्रवक्ता ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण का स्वागत किया और इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंध महत्वपूर्ण हैं, जिसमें कई क्षेत्र शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम इन संबंधों को जारी रखने के लिए तत्पर हैं.’’ पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगान अधिकारियों पर इन चिंताओं का समाधान करने के लिए दबाव बनाना जारी रखेगा, ताकि द्विपक्षीय संबंध तेजी से आगे बढ़ सकें. उन्होंने प्रतिबंधित आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) को समर्थन देने के दावों से भी इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘‘हम आईएसआईएस को समर्थन देने संबंधी अफगानिस्तान के आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं. हम अफगान प्रशासन से टीटीपी के आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने का आग्रह करते हैं.’’
गाजा में इजरायली हमले का विरोध किया
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत भी इस संधि को सद्भावनापूर्वक और पूरी तरह से लागू करेगा. शफाकत अली खान ने जारी संघर्षविराम के दौरान गाजा पर इजराइली सेना के नए हमलों की भी निंदा की और समझौते के बावजूद हिंसा में बढ़ोतरी को लेकर पाकिस्तान की ओर से कड़ा विरोध जताया. उन्होंने कहा, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप गाजा के पुनर्निर्माण के लिए एक ठोस योजना विकसित करने का आग्रह करते हैं.’’
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