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Pakistan On Kashmir Solidarity Day 2025: पाकिस्तान ने 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाया, जिसमें कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के संघर्ष के प्रति समर्थन दिखाया. पाकिस्तान हमेशा आरोप लगाता रहा है कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा किया है. हालांकि, इससे जुड़ा सच क्या है ये बात पूरी दुनिया जानती है. कश्मीर शुरू से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है. इसका प्रमाण इतिहास के पन्नों में भी देखने को मिलता है कि कैसे भारत बहुत ही बहादुरी से पाकिस्तान के साथ 4 जंग लड़ चुका है, जिसमें हर बार भारत की जीत हुई है. भारत ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच से भी पाकिस्तान को खरी-खोटी सुना चुका है कि वो कश्मीर के बारे में बयानबाजी करना छोड़ दे. इसके लिए भारत ने 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 A हटाकर ये साबित भी कर दिया की कश्मीर देश का आंतरिक मामला है. इस पर किसी भी पड़ोसी देश खासकर पाकिस्तान की दखल बर्दाश्त नहीं करेगा.
हालांकि, पाकिस्तान हर साल 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाता है. इस दिन पूरे देश में एकजुटता पदयात्राएं और विभिन्न समारोह आयोजित किए जाते हैं. इस तरह का आयोजन आज बुधवार को पूरे पाकिस्तान में किया गया. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान इस्लामाबाद में कॉन्स्टिट्यूशन एवेन्यू पर एक रैली आयोजित की गई, जिसमें सुबह 10 बजे सायरन बजाकर एक मिनट का मौन रखा गया और ‘कश्मीरी शहीदों’ को श्रद्धांजलि दी गई. मुजफ्फराबाद में, एजेके विधान सभा ने लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया. मंगला, कोहाला, और बरारकोट जैसे स्थानों पर मानव श्रृंखला बनाई गई. मंगला ब्रिज पर एक विशेष समारोह भी आयोजित किया गया.
Message from Prime Minister of the Islamic Republic of Pakistan, Mr. Muhammad Shehbaz Sharif, on Kashmir Solidarity Day
(5 February 2025) pic.twitter.com/GGKDexJUmA
— Prime Minister’s Office (@PakPMO) February 5, 2025
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के संदेश
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर एकजुटता दिवस भारत के खिलाफ जहर उगला. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए किए गए वादों का सम्मान करने की अपील की, जबकि प्रधानमंत्री शरीफ ने कश्मीरी संघर्ष के प्रति पाकिस्तान के अटूट समर्थन को दोहराया. उन्होंने कहा, “कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं को दबाकर स्थायी शांति नहीं लाई जा सकती.”
आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि कश्मीरी लोगों का आत्मनिर्णय का अधिकार अंतरराष्ट्रीय कानून का एक बुनियादी सिद्धांत है. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों को 78 साल बाद भी यह अधिकार नहीं मिल सका है और कश्मीर अब दुनिया के सबसे सैन्यीकृत क्षेत्रों में से एक बन गया है.
सशस्त्र बलों का समर्थन
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान सशस्त्र बल कश्मीर के लोगों के संघर्ष के प्रति अपने अटूट समर्थन की पुष्टि करते हैं. सीजेसीएससी जनरल साहिर शमशाद और सेवा प्रमुखों ने कश्मीरी लोगों की अदम्य भावना को सलाम किया, जिन्होंने दशकों से उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघनों का सामना किया है.
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