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Pakistan Moon Rover Mission: पाकिस्तान का अंतरिक्ष एजेंसी सुपारको (SUPARCO) ने घोषणा की है कि पाकिस्तान का पहला चंद्रमा रोवर मिशन 2028 में लॉन्च होने जा रहा है. यह ऐतिहासिक कदम पाकिस्तान और चीन के बीच अंतरिक्ष सहयोग के तहत उठाया गया है. इस मिशन के तहत पाकिस्तान का चंद्रमा रोवर चीन के चांग’ई 8 मिशन का हिस्सा बनेगा, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोबोटिक खोज पर केंद्रित होगा.
पाकिस्तान का चंद्रमा रोवर मिशन चीन के चांग’ई 8 मिशन के हिस्से के रूप में लॉन्च किया जाएगा. दोनों देशों ने इस परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में उनके बढ़ते सहयोग को दर्शाता है. चांग’ई 8 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की विस्तृत खोज करना है, और पाकिस्तान का रोवर इस मिशन का एक अभिन्न हिस्सा बनेगा.
𝐍𝐚𝐦𝐞 𝐏𝐚𝐤𝐢𝐬𝐭𝐚𝐧’𝐬 #𝐋𝐮𝐧𝐚𝐫𝐑𝐨𝐯𝐞𝐫
𝗕𝗲 𝗮 𝗣𝗮𝗿𝘁 𝗼𝗳 #𝗣𝗮𝗸𝗶𝘀𝘁𝗮𝗻‘𝘀 𝗛𝗶𝘀𝘁𝗼𝗿𝗶𝗰 𝗦𝗽𝗮𝗰𝗲 𝗝𝗼𝘂𝗿𝗻𝗲𝘆!
Pakistan is making history with the launch of its first-ever Lunar Rover as part of #China‘s #ChangE8 mission#SUPARCO pic.twitter.com/PWgCutPwgT
— Salman Ali Awan (@salmanaliawan) February 18, 2025
चंद्रमा रोवर का नामकरण प्रतियोगिता
इस मिशन के प्रति जनता की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए SUPARCO ने एक राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता की घोषणा की है. इस प्रतियोगिता में पाकिस्तान के चंद्रमा रोवर का नाम रखने का मौका दिया जा रहा है और विजेता को 100,000 रुपये का इनाम मिलेगा.
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तैनाती
SUPARCO द्वारा विकसित चंद्रमा रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तैनात किया जाएगा. यह रोवर पाकिस्तानी वैज्ञानिकों द्वारा डिज़ाइन किए गए उन्नत वैज्ञानिक पेलोड के साथ जाएगा, जिसमें चीनी और यूरोपीय वैज्ञानिकों की ओर से विकसित सहयोगी उपकरण भी होंगे. इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के इस हिस्से के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र करना है.
अंतरिक्ष अन्वेषण में पाकिस्तान-चीन साझेदारी
इससे पहले, मई 2022 में, पाकिस्तान ने चांग’ई-6 मिशन के तहत अपना पहला चंद्र उपग्रह लॉन्च किया था, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी. इस मिशन ने पृथ्वी पर चंद्रमा से नमूने लौटाए थे, जिससे चीन चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने वापस लाने वाला पहला देश बन गया.
पाकिस्तान का पहला चंद्रमा रोवर मिशन
पाकिस्तान का पहला चंद्रमा रोवर मिशन 2028 में लॉन्च होना एक ऐतिहासिक कदम है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में देश की प्रगति को दर्शाता है. चीन के साथ साझेदारी और चांग’ई 8 मिशन का हिस्सा बनने से यह मिशन दोनों देशों के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण साबित होगा.
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