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India France Agreement: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा भारत के लिए रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु ऊर्जा और तकनीकी सहयोग के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण रही. पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी ज्वाइंट स्टेटमेंट में बताया गया है कि मुंबई में तीन और फ्रांसीसी डिजाइन वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की ‘हंटर-किलर’ पनडुब्बियों के निर्माण की दिशा में प्रगति हुई है.
दरअसल, भारत पहले से ही छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का संचालन कर रहा है. अब तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बियां भारत में निर्मित की जाएंगी, जिनकी 60% तकनीक मेड-इन-इंडिया होगी. इस सौदे की अनुमानित लागत ₹36,000 करोड़ बताई जा रही है. पनडुब्बियों में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक शामिल होगी, जो उन्हें लंबे समय तक पानी में रहने की क्षमता देगी.
26 राफेल लड़ाकू विमान सौदा
भारत फ्रांस से 26 राफेल-एम (नेवल वर्जन) खरीदने की योजना बना रहा है. ये विमान INS विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे, जिससे भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी.
मिसाइल और रक्षा तकनीक में सहयोग
भारत और फ्रांस मिसाइल, हेलीकॉप्टर और जेट इंजन पर मिलकर काम करेंगे. फ्रांस ने भारत को पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर की संभावनाओं पर विचार करने का आश्वासन दिया.
अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा सहयोग
दोनों देशों ने अंतरिक्ष और असैन्य परमाणु ऊर्जा में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई. भारत के 10 स्टार्टअप्स को फ्रांस में काम करने का अवसर मिलेगा.
दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा हुई.
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-फ्रांस संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ने वाली साबित हो सकती है. रक्षा क्षेत्र में बड़े सौदे भारत की सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेंगे. अंतरिक्ष और स्टार्टअप सेक्टर में सहयोग भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा. अब देखना होगा कि इन समझौतों का इम्प्लीमेंटेशन कितनी तेजी से होता है और भारत-फ्रांस साझेदारी कैसे आगे बढ़ती है.
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