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US-Ukraine Minerals Deal : सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की अपने संयुक्त राज्य अमेरिका के दौरे पर पहुंच चुके हैं. उनका विमान ज्वाइंट बेस एंड्रयूज पर लैंड कर चुका है. यूक्रेनी राष्ट्रपति के शुक्रवार (28 फरवरी) को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने की उम्मीद है. इस दौरान दावा किया जा रहा है कि ट्रंप जेलेंस्की के साथ ट्रिलियन-डॉलर की डील करने वाले हैं, जिससे अमेरिका को यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों के खजाना आसानी से मिल जाएगा.
हालांकि, वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों को कहना है कि यूक्रेन में दुर्लभ खनिजों और अन्य खनिज संपत्तियों के बारे में बहुत कम सबूत हैं और जो कुछ भी है, उसे पूर्व युद्धग्रस्त क्षेत्र से निकालना मुश्किल, यहां तक की असंभव होगा.
एक्सपर्ट्स ने जताया संदेह
ट्रंप के मुताबिक, यह समझौता अमेरिकी करदाताओं के लिए काफी फायदेमंद होगी क्योंकि इससे यूक्रेन की सहायता में खर्च हुए अरबों डॉलर्स की भरपाई होगी. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों और एक्सपर्ट्स को इस समझौते पर संदेह है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि यूक्रेन में दुर्लभ खनिजों की मौजूदगी के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. जो आंकड़े पुराने हैं और सोवियत युग के मानचित्रों पर आधारित हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यूक्रेन में उपलब्ध खनिजों की मात्रा वैश्विक स्तर पर काफी कम है.
जेलेंस्की ने दिया था इस डील का विचार
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के साथ यूक्रेनी खनिजों के सौदा करने का मुख्य विचार यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की का था. उन्होंने पिछले साल अमेरिका का दौरा किया था और अपनी विजय योजना सामने रखी थी. इस योजना में अमेरिका को यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच देने के बदले में अमेरिकी सहायता जारी रखने की बात कही गई थी.
❗️Zelensky lands at Joint Base Andrews ahead of high-stakes DC visit
The defacto Ukrainian president is expected to meet with Trump in person on Friday. pic.twitter.com/CA4xkAI6AA
— RT (@RT_com) February 28, 2025
समझौते में है पेंच
हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने यूक्रेन के इस प्रस्ताव को यथार्थवादी नहीं माना. उनका मानना है कि यूक्रेन में खनन व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए कोई भी अमेरिकी कंपनी उत्सुक नहीं है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यूक्रेन के अधिकांश खनिज भंडार रूसी-नियंत्रित क्षेत्रों में है, जहां पहुंचना खतरनाक और काफी महंगा है. ऐसे में एक्सपर्ट्स को शक है कि ट्रंप का यह सौदा फायदेमंद होगा या नहीं.
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