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US On Pakistan F-16 Oversight: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट्स पर कड़ी निगरानी रखने के लिए 397 मिलियन डॉलर (लगभग 39.7 करोड़ डॉलर) जारी किए हैं.
इस राशि का उद्देश्य पाकिस्तान में अमेरिका समर्थित एफ-16 कार्यक्रम की निगरानी करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाकिस्तान इन विमानों का आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए उपयोग करे. भारत के खिलाफ इनका दुरुपयोग न हो. 2019 की कश्मीर हवाई झड़प के बाद, पाकिस्तान पर आरोप लगे थे कि उसने अमेरिकी F-16 लड़ाकू विमानों का उपयोग किया था. इस घटना ने वॉशिंगटन में सैन्य समझौतों के उल्लंघन को लेकर चिंताएं बढ़ा दी थीं.
विदेशी सहायता पर ट्रंप की रोक
20 जनवरी को पद संभालने के तुरंत बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने विदेशी सहायता पर 90 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया. इस फैसले से दुनिया भर के मानवीय सहायता कार्यक्रमों पर असर पड़ा. केवल दो देशों को छूट दी गई—इजरायल और मिस्र. हालांकि, कुछ अपवादों को मंजूरी दी गई और 13 फरवरी तक 5.3 अरब डॉलर की सहायता राशि जारी की गई. इसमें पाकिस्तान का F-16 निगरानी कार्यक्रम भी शामिल है.
USAID पर ट्रंप का ऐक्शन
ट्रंप ने अमेरिकी विदेशी सहायता को “अमेरिकी मूल्यों के विपरीत” बताते हुए इसकी फंडिंग कम करने की पहल की. USAID (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) की फंडिंग में भारी कटौती की गई. पहले USAID को 40 अरब डॉलर की फंडिंग मिलती थी, लेकिन इसे 10 करोड़ डॉलर से भी कम कर दिया गया.
सुरक्षा सहायता के प्रमुख कार्यक्रम
ताइवान में सैन्य कार्यक्रमों के लिए 870 मिलियन डॉलर (87 करोड़ डॉलर).
फिलीपींस की सुरक्षा के लिए 336 मिलियन डॉलर (33.6 करोड़ डॉलर).
यूक्रेन की राष्ट्रीय पुलिस और बॉर्डर सुरक्षा के लिए 21.5 मिलियन डॉलर (2.15 करोड़ डॉलर). दी गई. जबकि पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता पूरी तरह से निगरानी कार्यक्रम तक सीमित कर दी गई है. बता दें कि अमेरिका पाकिस्तान को अब पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं मान रहा और यह सुनिश्चित करना चाहता है कि F-16 का दुरुपयोग न हो.
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