
राष्ट्रपति मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को दी मंजूरी – जानिए क्या हैं प्रमुख बदलाव
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को मंजूरी दे दी है। यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन में सुधार लाने के उद्देश्य से लाया गया था। इससे पहले, अगस्त 2024 में इसे लोकसभा में पेश किया गया था और फिर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया, जिसने कुछ संशोधनों के सुझावों को स्वीकार किया।
वक्फ क्या है?
वक्फ इस्लामिक कानून के तहत धार्मिक या चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए समर्पित संपत्तियों को कहा जाता है। वक्फ अधिनियम, 1995 भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को नियंत्रित करता है। यह केंद्रीय वक्फ परिषद, राज्य वक्फ बोर्ड और मुतवल्ली (ट्रस्टी) की शक्तियों और कार्यों को परिभाषित करता है।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के प्रमुख प्रावधान
- नया नाम: अधिनियम का नाम बदलकर “यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट” किया गया है।
- वक्फ घोषित करने की नई शर्तें:
- अब केवल 5 साल से इस्लाम मानने वाला व्यक्ति ही वक्फ घोषित कर सकता है।
- संपत्ति पर उसी का स्वामित्व होना चाहिए।
- “वक्फ बाय यूजर” (लंबे समय तक धार्मिक उपयोग के आधार पर वक्फ घोषित करने) की व्यवस्था को हटा दिया गया है।
- वक्फ-अल-औलाद (पारिवारिक वक्फ) में महिला उत्तराधिकारियों के अधिकारों को सुरक्षित रखा गया है।
- वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्य:
- पहले सभी सदस्य मुस्लिम होते थे, अब दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा।
- संसद सदस्य, पूर्व न्यायाधीश और प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मुस्लिम होने की अनिवार्यता नहीं रहेगी।
- मुस्लिम सदस्यों में से कम से कम दो महिलाएं होनी चाहिए।
- केंद्र सरकार को अधिक अधिकार:
- वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन, लेखा परीक्षा और बोर्ड की कार्यवाही के नियम बनाने का अधिकार केंद्र को मिला।
- CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) द्वारा वक्फ खातों की जांच की जा सकेगी।
- अलग वक्फ बोर्ड:
- शिया समुदाय के लिए अलग बोर्ड बनाने का प्रावधान पहले से था, अब अगाखानी और बोहरा समुदाय को भी यह सुविधा मिलेगी।
- वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले पर अपील:
- पहले ट्रिब्यूनल के फैसले अंतिम होते थे, लेकिन अब 90 दिनों के भीतर हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
क्यों महत्वपूर्ण है यह संशोधन?
- वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- महिलाओं के अधिकारों को मजबूती मिलेगी।
- केंद्र सरकार की निगरानी बढ़ने से गबन और अवैध कब्जे पर अंकुश लगेगा।
आगे क्या?
इस संशोधन से वक्फ प्रशासन में बड़ा बदलाव आएगा। अब देखना होगा कि राज्य सरकारें और वक्फ बोर्ड इन नए नियमों को कैसे लागू करते हैं।